Bihar Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए, बिहार सरकार ने Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत, मछली पालन करने वाले किसानों को तालाब निर्माण के लिए 70% तक का अनुदान प्रदान किया जाता है। यह योजना बिहार सरकार के माध्यमिक विभाग द्वारा चलाई जाती है, जिसके तहत बंजर भूमि पर तालाब निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
यह आर्टिकल आपको Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana के विस्तृत विवरण प्रदान करेगा। यह योजना किसानों को मछली पालन के क्षेत्र में सामूहिक विकास के लिए सहायता प्रदान करती है। इसके अंतर्गत, उन्हें तालाब निर्माण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे किसान मछली पालन के क्षेत्र में नई उपजाऊ व्यवसायिक अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। इसके साथ ही, आपको यहां योजना की पात्रता, आवश्यक दस्तावेज़, और आवेदन प्रक्रिया के बारे में भी संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
Name of service:- | Bihar Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana |
Post Date:- | 02/03/2024 |
Apply Mode:- | Online |
Anudaan:- | 70% तक |
Beneficiary:- | बिहार के लोग |
Post Type:- | Sarkari Yojana, Service |
Authority:- | Government of Bihar (बिहार सरकार पटना) |
Objective | मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए निजी चौर जल क्षेत्रों में तालाब निर्माण हेतु अनुदान प्रदान करना। |
Short Information:- | बिहार सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से तालाब निर्माण करके मछली पालन करने वाले किसानों और आम नागरिकों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। आज इस आर्टिकल में आपको Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। इसके लिए आपको आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा। |
Bihar Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana क्या है?
बिहार सरकार ने Mukhyamantri Samekit Chaur Vikas Yojana की शुरुआत की है जो मछली पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार 70% तक की अनुदान राशि प्रदान कर रही है ताकि मछली पालन हेतु तालाब के निर्माण का समर्थन किया जा सके। यहां तक कि योजना में तालाब के निर्माण के साथ-साथ खेती, बागवानी, और कृषि वानिकी के लिए अलग से अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, योजना मछली पालन के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा दे रही है।
सरकार ने इस योजना के तहत 50 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 2.48 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के तहत, तीन अलग-अलग प्रकार के मॉडल तैयार किए गए हैं जो मछली पालन के लिए सहायक होंगे।
इस योजना का क्या है?
मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना का मुख्य उद्देश्य मछली पालन को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार तालाब निर्माण के लिए किसानों और नागरिकों को अनुदान प्रदान करने का प्रावधान कर रही है। इसके माध्यम से, मछली पालन से जुड़े रोजगार को बढ़ाया जाएगा और दूसरे राज्यों से मछलियों का आयात कम किया जा सकेगा।
इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति को सुधारा जाएगा और रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाएगा। साथ ही, मछली पालन के साथ-साथ इस योजना के अंतर्गत कृषि विकास, बागवानी, और कृषि वानिकी को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में अनुदान प्रदान कर रही है।
लाभ क्या है?
इस योजना के तहत मुख्य रूप से मछुआरों को प्राथमिकता दी जाएगी, और चयनित लाभार्थियों को तीन विभिन्न प्रकार के मॉडल से तालाब निर्माण का विकल्प दिया जाएगा। इन मॉडल्स के अनुसार, आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार किसी भी प्रकार का तालाब बना सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत, एक हेक्टेयर में दो तालाब बनाने की लागत 8.80 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर है, जबकि एक हेक्टेयर में चार तालाब बनाने की लागत 7.32 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर है। अगर आप एक हेक्टेयर में एक तालाब बनाते हैं तो आपको 9.69 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत आती है।
सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत सामान्य केटेगरी के नागरिकों को 50% का अनुदान दिया जाता है, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को 70% का अनुदान प्रदान किया जाता है। अगर आप बिजनेसमैन हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको 30% का अनुदान प्रदान किया जाता है।
पात्रता क्या है?
इस योजना के लिए ग्रुप में कम से कम पांच सदस्य होना अनिवार्य है।
इस योजना का लाभ केवल बिहार के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा।
आप इस योजना के अंतर्गत एक ग्रुप बनाकर आवेदन कर सकते हैं।
Documents Required
आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
1. पैन कार्ड
2. जीएसटी पंजीकरण संख्या
3. आधार कार्ड
4. बैंक खाता विवरण
5. जाति प्रमाण पत्र
6. पिछले 3 साल के आयकर रिटर्न
7. सम्मति पत्र (सम्मति पत्र या सहमति लिखित रूप में होना चाहिए)
8. जमीन के स्वामित्व का प्रमाण पत्र
9. सभी ग्रुप सदस्यों के पासपोर्ट साइज़ फोटो
10. किरायानामा, अगर जमीन स्वयं की नहीं है।